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फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika PDF in Hindi

फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika Hindi PDF Download

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फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika PDF Details
फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika
PDF Name फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika PDF
No. of Pages 9
PDF Size 0.73 MB
Language Hindi
CategoryEnglish
Source pdffile.co.in
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फातिहा का तरीका | Fatiha Ka Tarika Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप फातिहा का तरीका PDF / Fatiha Ka Tarika PDF प्रदान करने जा रहे हैं। अगर आप पहले से ही इसे इंटरनेट पर खोज रहे हैं, और खोज पाने में असमर्थ हैं, तो चिंता मत कीजिये यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। इस पोस्ट में हमने फातिहा कैसे किया जाता है उसका सही तरीका बताया गया है।

अगर आप मुस्लिम धर्म को मानने वाले हैं या उसमें अपनी रुचि रखते हैं और इसीलिए अगर आप भी यह सीखना चाहते है कि फातिहा करने में क्या पढ़ा जाता है, तो इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े। इस पोस्ट में आप यह आसानी से जान पाएंगे कि फातिहा कैसे पढ़ा जाता है और उसमें क्या – क्या पढ़ा जाता है, और इसी के साथ आप वज़ू करने का तरीका भी आसानी से जान सकते हैं।

फातिहा पढ़ने का तरीका हिंदी में PDF / Fatiha Padhne Ka Tarika PDF

आला हज़रात का फातिहा का मुकम्मल तरीका हिंदी में

Fatiha Ka Tarika In Hindi –  फरमाने मुस्तफा, मेरी उम्मत गुनान समित कबर में दखिल होगी और जब निकलेगी तो गुनाह से पाक होगी क्योंकि वो मोमिन की दुआओं से बख्श दी जाएंगी जो कोई तमाम मोमिन मर्दों और औरतों के लिए दुआ ए मग़फिरत करता है। अल्लाह तआला उसके हर मर्द और औरत के इवाज (बदले) एक नेकी लिख देता है।

” ऐ हमारे रब! मेरी और हर मोमिन और मोमिना के मग़फिरत फरमा।” ​अमीन।

जो बा नियात ए सवाब अपने वलिदेन दोनो या एक की कबर की ज़ियारत करे हज्जे मकबूल के बराबर जवाब पाए और जो बा क़स्रत उनकी क़ब्र की ज़ियारत करता हो। फरिश्ते उसकी क़ब्र की (यानी जब ये फ़ौत होगा) ज़ियारत को आएँगे ।

बिस्मिल्लाह – फातिया-ईसाले सवाब Isale Sawab ( या’नी सवाब पहुंचाने ) के लिये दिल में निय्यत कर लेना काफ़ी है , म – सलन आप ने किसी को एक रुपिया खैरात दिया या एक बार दुरूद शरीफ़ पढ़ा या किसी को एक सुन्नत बताई ।

या किसी पर इन्फिरादी कोशिश करते हुए नेकी की दावत दी या सुन्नतों भरा बयान किया । अल गरज़ कोई भी नेक काम किया आप दिल ही दिल में इस तरह निय्यत कर लीजिये

मसलन : ” अभी मैं ने जो सुन्नत बताई इस का सवाब सरकारे मदीना – को पहुंचे । ”  सवाब पहुंच जाएगा । मजीद जिन जिन की निय्यत करेंगे उन को भी पहुंचेगा ।

दिल में निय्यत होने के साथ साथ ज़बान से कह लेना भी अच्छा है कि येह सहाबी से साबित है जैसा कि हदीसे सा’द में गुज़रा कि उन्हों ने कूआं खुदवा कर फ़रमाया या’नी “ येह उम्मे सा’द के लिये है।

 फातिया-ईसाले सवाब  का सुन्नति आसान तरीका

आज कल मुसल्मानों में खुसूसन खाने पर जो फ़ातिहा का तरीका राइज है वोह भी बहुत अच्छा है । जिन खानों का ईसाले सवाब करना है वोह सारे या सब में से थोड़ा थोड़ा खाना नीज़ एक गिलास में पानी भर कर सब कुछ सामने रख लीजिये

फातिहा हिंदी में लिखी हुई

सबसे पहले फातिया Fatiha में दरूद शरीफ कसरत से पढ़ ले या काम से काम 3 बार या ज्यादा से ज्यादा 11 बार पढ़ले।

उसके बाद निचे दिए गए कुछ आयते है वो पढ़ लीजिये या आप को जो भी क़ुरानी आयते याद हैं मसलन आप को अरबी पढ़ना नहीं आता उसके बावजूद भी आप को एक ही सूरा और अल्हम्दो शरीफ जिसे सूरे फातिया कहते हैं याद हैं तो आप वो पढ़ लीजिये।

जरुरी नहीं की फातिया के तरीके में कुुछ सूरे आयात की लिस्ट है जिसे पढ़ना जरुरी जिसे पढ़ने से आप का फातिया क़ुबूल नहीं होंगे हैं  आप को जो भी आयात सूरा याद हैं आप वो पड़ लीजिये

अब फ़ातिहा पढ़ाने वाला हाथ उठा कर बुलन्द आवाज़ से ‘ अल फ़ातिहा ” कहे । सब लोग आहिस्ता से या’नी इतनी आवाज़ से कि सिर्फ खुद सुनें सू – रतुल फ़ातिहा पढ़ें ।

अब फ़ातिहा पढ़ाने वाला इस तरह ए’लान करे : “ इस्लामी भाइयो और बहनो आप ने जो कुछ पढ़ा है उस का सवाब मुझे दे दीजिये । ” तमाम हाज़िरीन कह दें : ‘ आप को दिया । ”

अब फ़ातिहा पढ़ाने वाला ईसाले सवाब कर दे ।

ईसाले सवाब Isale Sawab के अल्फ़ाज़ लिखने से क़ब्ल इमामे अहले सुन्नत आ’ला हज़रत Aala Hazrat मौलाना शाह अहमद रज़ा खान फ़ातिहा से क़ब्ल जो सूरतें वगैरा पढ़ते थे वोह भी तहरीर की जाती हैं :

ईसाले सवाब के लिये दुआ का तरीका

फातिहा देने का तरीका हमने तो सीख लिया और फातिहा में क्या-क्या पढ़ना है वह भी जान लिया मगर बात सिर्फ फातिहा पढ़ने तक ही नहीं होती, बल्कि फातिहा के बाद पढ़ी जाने वाली दुआओं की भी अहमियत होती है ऐसे में हर मुसलमान को फातिहा – इसाले सवाब में क्या दुआ करना पढ़ना चाहिए।

यह दुविधा हमेशा रहती है और हर मुसलमान के दिमाग में कुछ बातें होती है जैसे कि

  • फातिहा में दुआ मांगने का तरीका?
  • फातिहा में दुआ कैसे मांगे?
  • फातिहा में दुआ हिंदी में कैसे पढ़े ?

या अल्लाह ! जो कुछ पढ़ा गया ( अगर खाना वगैरा है तो इस तरह से भी कहिये ) और जो कुछ खाना वगैरा पेश किया गया है उस का सवाब हमारे नाक़िस अमल के लाइक नहीं बल्कि अपने करम के शायाने शान मर्हमत फ़रमा । और इसे हमारी जानिब से अपने प्यारे महबूब , दानाए गुयूब   की बारगाह नज्र पहुंचा ।

सरकारे मदीना  के तवस्सुत से तमाम अम्बियाए किराम : तमाम सहाबए किराम तमाम औलियाए इज़ाम  की जनाब में नज्र पहुंचा ।

सरकारे मदीना – के तवस्सुत से सय्यिदुना आदम सफ़िय्युल्लाह  से ले कर अब तक जितने इन्सान व जिन्नात मुसल्मान हुए या क़ियामत तक होंगे सब को पहुंचा ।

इस दौरान बेहतर येह है कि जिन जिन बुजुर्गों को खुसूसन ईसाले सवाब करना है उन का नाम भी लेते जाइये । अपने मां बाप और दीगर रिश्तेदारों और अपने पीरो मुर्शिद को भी नाम ब नाम ईसाले सवाब कीजिये ।

( फ़ौत शु – दगान में से जिन जिन का नाम लेते हैं उन को खुशी हासिल होती है अगर किसी का भी नाम न लें सिर्फ इतना ही कह लें कि या अल्लाह ! इस का सवाब आज तक जितने भी अहले ईमान हुए उन सब को पहुंचा तब भी हर एक को पहुंच जाएगा ।)

अब हस्बे मा’मूल दुआ ख़त्म कर दीजिये । ( अगर थोड़ा थोड़ा खाना और पानी निकाला था तो वोह दूसरे खानों और पानी में डाल दीजिये )

फातिया ईसाले सवाब में खाने की दावत की अहम एहतियात

जब भी आप के यहां नियाज़ या किसी किस्म की तकरीब हो , जमाअत का वक़्त होते ही कोई मानेए शर – ई न हो तो इन्फिरादी कोशिश के जरीए तमाम मेहमानों समेत नमाजे बा जमाअत के लिये मस्जिद का रुख कीजिये ।

बल्कि ऐसे अवकात में दा’वत ही मत रखिये कि बीच में नमाज़ आए और सुस्ती के बाइस जमाअत फ़ौत हो जाए ।

दो पहर के खाने के लिये बा’द नमाजे जोहर और शाम के खाने के लिये बा’द नमाजे इशा मेहमानों को बुलाने में गालिबन बा जमाअत नमाज़ों के लिये आसानी है ।

मेज़बान , बावर्ची , खाना तक्सीम करने वाले वगैरा सभी को चाहिये कि जूं ही नमाज़ का वक्त हो , सारा काम छोड़ कर बा जमाअत नमाज़ का एहतिमाम करें ।

बुजुर्गों की “ नियाज़ की दा’वत ” की मसरूफ़िय्यत में अल्लाह की ” नमाजे बा जमाअत ” में कोताही बहुत बड़ी मा’सियत है ।

मज़ार पर हाज़िरी का तरीका

बुजुर्गों की ज़ाहिरी ज़िन्दगी में भी क़दमों की तरफ़ से या’नी चेहरे के सामने से हाज़िर होना चाहिये , पीछे से आने की सूरत में उन्हें मुड़ कर देखने की ज़हमत होती है ।

लिहाज़ा बुजुर्गाने दीन के मज़ारात पर भी पाइंती ( या’नी क़दमों ) की तरफ़ से हाज़िर हो कर फिर किब्ले को पीठ और साहिबे मज़ार के चेहरे की तरफ रुख कर के कम अज़ कम चार हाथ ( या’नी तकरीबन दो गज़ ) दूर खड़ा हो

और इस तरह सलाम अर्ज करे Qabar Par Fatiha Ka Tarika देने के लिए

एक बार सू – रतुल फ़ातिहा Fatiha और 11 बार सू – रतुल इख्लास ( अव्वल आख़िर एक या तीन बार दुरूद शरीफ़ ) पढ़ कर हाथ उठा कर ऊपर दिये हुए तरीके Tarika In Hindi के मुताबिक़ ( साहिबे मज़ार का नाम ले कर भी )

ईसाले सवाब Isale Sawab करे और दुआ मांगे । “ अहसनुल विआअ ” में है : वली के मज़ार के पास दुआ कबूल होती है । Qabar Par Fatiha Ka Tarika

( माखूज़ अज़ अहसनुल विआअ , स . 140 )

Fatiha Ka Tarika in Hindi PDF

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