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दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi PDF in Hindi

दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi Hindi PDF Download

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दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi PDF Details
दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi
PDF Name दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi PDF
No. of Pages 8
PDF Size 1.63 MB
Language Hindi
Categoryहिन्दी | Hindi
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दामोदर द्वादशी | Damodara Dwadashi Hindi

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप दामोदर द्वादशी PDF / Damodara Dwadashi PDF प्राप्त कर सकते हैं। दामोदर द्वादशी श्रावण माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी के एक दिन बाद आती है। दामोदर द्वादशी के दिन भगवान श्री हरी विष्णु जी का पूजन व व्रत किया जाता है। हिन्दू सनातन धर्म में भगवान विष्णु जी का विशेष स्थान है।

भगवान श्री विष्णु का पूजन करने से घर – परिवार में किसी भी प्रकार के धन – धान्य का अभाव नहीं होता है क्योंकि विष्णु जी ही इस सृष्टि के पालनकर्ता हैं। अतः यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव है अथवा आप भिन्न – भिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरे रहते हैं तो आपको दामोदर द्वादशी का पूजन व व्रत अवश्य करना चाहिए।

दामोदर द्वादशी व्रत कथा PDF / Damodara Dwadashi Vrat Katha PDF

एक यादव कन्या थीं, जो एकादशी व्रत करती और द्वादशी को पारण करतीं। बेहद गरीब होने के चलते वह दही बेचकर जीवन यापन करती थी। एक बार उसने एकदाशी का व्रत किया और द्वादशी को पारण करना था। उसने सोचा कि आज दही थोड़ा है जल्द बिक जाएगा। उसे बेचने के बाद वह पारण कर लेगी। उस दिन कृष्ण और राधा रास कर रहे थे। उस दौरान राधा ने गूलर के वृक्ष जोर से हिलाया। गूलर का दिव्य पुष्प कन्या की मटकी में जा गिरा। जिसके प्रभाव से मटकी का दही बढऩे लगा जोकि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। यह क्रम पूरे दिन चलता रहा है और अनजाने में कन्या ने द्वादशी का व्रत भी कर लिया, जिससे हरि प्रसन्न हुए और उस कन्या को बैकुंठ की प्राप्ति हुई।

दामोदर द्वादशी व्रत विधि PDF / Damodara Dwadashi Vrat Vidhi PDF

  • दामोदर द्वादशी के व्रत का पालन करने के बहुत सारे नियम हैं।
  • इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत होने के पश्चात् स्नान करें।
  • अब स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पुरे दिन उपवास का पालन करें।
  • इस दिन अन्न का सेवन भूल कर भी ना करें. अब भगवान विष्णु को धूप, फूल, मिठाई, जल, दीपक लगाएं।
  • इसके पश्चात् भगवान विष्णु का पंचामृत अभिषेक करें।
  • अगर आपके घर के आसपास भगवान् विष्णु का कोई मंदिर हैं तो वहाँ जाकर उनके दर्शन करें।
  • अब विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र और भागवत का पाठ करें या सुने।
  • अब ब्राह्मणों को वस्त्र और अनाज दान करें।
  • मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ दामोदर द्वादशी व्रत का पालन करता हैं, उन्हें मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • दामोदर व्रत का पालन करने से अनुयायियों को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते है।

दामोदर द्वादशी व्रत का महत्व / Significance of Damodara Dwadashi Vrat PDF

  • दामोदर द्वादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक विशेष दिन है।
  • यह श्रावण मास के शुक्ल चरण के बारहवें दिन पड़ता है।
  • इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित अनुष्ठान पूजा करने से उनके अनुयायियों और भक्तों के जीवन में बहुत खुशी और समृद्धि आ सकती है।
  • मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
  • श्रावण मास में भगवान् शिव के साथ साथ भगवान् विष्णु की पूजा को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • श्रावण मास में पड़ने वाली दामोदर द्वादशी के दिन गरीब और ज़रूरतमंद लोगो को चावल, फल और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।

दामोदर द्वादशी व्रत के लाभ / Benefits Damodara Dwadashi Vrat

  • जो भी व्यक्ति दामोदर द्वादशी तिथि के दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे अग्नष्टोम यज्ञ का फल प्राप्त होता और वह मृत्यु के पश्चात् सतलोक में जाता है।
  • जो व्यक्ति दामोदर द्वादशी तिथि को दिन-रात व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है, उसे गोमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है और उसे मृत्यु के पश्चात् स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
  • श्रावण मास में पड़ने वाली द्वादशी तिथि के दिन उपवास करके भगवान् विष्णु की पूजा करने वाले पुरुष को नरमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है और वो पुरुष महान पुण्य का भागी होता है।
  • जो व्यक्ति श्रावण मास की द्वादशी तिथि के दिन-रात व्रत करके भगवान श्रीधर की पूजा करता है, उसे पंच महायज्ञों का फल प्राप्त होता है और उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है।
  • दामोदर द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सौत्रामणि यज्ञ का फल प्राप्त होता है और उस व्यक्ति की आत्मा पवित्र हो जाती है।
  • दामोदर द्वादशी तिथि के दिन-रात व्रत करके भगवान् विष्णु की पूजा करने से मनुष्य को सहस्र गोदान का पुण्यफल प्राप्त होता है।

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