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श्री काली चालीसा | Kali Chalisa PDF in Hindi

श्री काली चालीसा | Kali Chalisa Hindi PDF Download

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श्री काली चालीसा | Kali Chalisa PDF Details
श्री काली चालीसा | Kali Chalisa
PDF Name श्री काली चालीसा | Kali Chalisa PDF
No. of Pages 12
PDF Size 1.25 MB
Language Hindi
Categoryहिन्दी | Hindi
Source pdffile.co.in
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श्री काली चालीसा | Kali Chalisa Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए श्री काली चालीसा / Kali Chalisa PDF in Hindi प्रदान करने जा रहे हैं। काली चालीसा एक अत्यंत ही प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण चालीसा है। हिन्दू धर्म के अनुसार भी इस चालीसा को अत्यंत ही दिव्य चालीसा माना गया है। क्योंकि इसका पाठ करने मात्र से जीवन के सारे दुखों का निवारण हो जाता है तथा व्यक्ति भयमुक्त हो जाता है।

यह चमत्कारी चालीसा महाकाली को समर्पित है। इसीलिए जो भी मनुष्य इस चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करता है, माँ काली उसे विशेष आशीर्वाद प्रदान करती हैं। अनेकों भक्त माँ काली को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं लेकिन यह माना जाता है कि महाकाली चालीसा के पाठ से भी माता काली शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती है, तथा अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं।

माँ काली माता दुर्गा जी के विभिन्न अवतारों में से सबसे अधिक शक्तिशाली मानी गयी हैं और सनातन हिन्दू धर्म में माता काली को अनेकों सुंदर एवं पवित्र नामों से जाना जाता है जैसे – महाकाली, कालरात्रि, कापालिनी, कान्ता, कामसुंदरी, कालिका, कालभैरवपूजिता, कामिनी, आदि। इसीलिए अगर आप भी माता काली को आसानी से प्रसन्न करना चाहते हैं तो माँ काली की पूजा करने के साथ ही महाकाली चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।

श्री काली चालीसा PDF / Kali Chalisa Lyrics in Hindi PDF

॥दोहा ॥

जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥

॥ चालीसा ॥

अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥
अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥1॥

भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥
दूजे हाथ लिए मधु प्याला । हाथ तीसरे सोहत भाला ॥4॥

चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे । छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥
सप्तम करदमकत असि प्यारी । शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥6॥

अष्टम कर भक्तन वर दाता । जग मनहरण रूप ये माता ॥
भक्तन में अनुरक्त भवानी । निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥8॥

महशक्ति अति प्रबल पुनीता । तू ही काली तू ही सीता ॥
पतित तारिणी हे जग पालक । कल्याणी पापी कुल घालक ॥10॥

शेष सुरेश न पावत पारा । गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥
तुम समान दाता नहिं दूजा । विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥12॥

रूप भयंकर जब तुम धारा । दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥
नाम अनेकन मात तुम्हारे । भक्तजनों के संकट टारे ॥14॥

कलि के कष्ट कलेशन हरनी । भव भय मोचन मंगल करनी ॥
महिमा अगम वेद यश गावैं । नारद शारद पार न पावैं ॥16॥

भू पर भार बढ्यौ जब भारी । तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥
आदि अनादि अभय वरदाता । विश्वविदित भव संकट त्राता ॥18॥

कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा । उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा । काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥20॥

कलुआ भैंरों संग तुम्हारे । अरि हित रूप भयानक धारे ॥
सेवक लांगुर रहत अगारी । चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥22॥

त्रेता में रघुवर हित आई । दशकंधर की सैन नसाई ॥
खेला रण का खेल निराला । भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥24॥

रौद्र रूप लखि दानव भागे । कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो । स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥26॥

ये बालक लखि शंकर आए । राह रोक चरनन में धाए ॥
तब मुख जीभ निकर जो आई । यही रूप प्रचलित है माई ॥28॥

बाढ्यो महिषासुर मद भारी । पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥
करूण पुकार सुनी भक्तन की । पीर मिटावन हित जन-जन की ॥30॥

तब प्रगटी निज सैन समेता । नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं । तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥32॥

मान मथनहारी खल दल के । सदा सहायक भक्त विकल के ॥
दीन विहीन करैं नित सेवा । पावैं मनवांछित फल मेवा ॥34॥

संकट में जो सुमिरन करहीं । उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं । भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥36॥

काली चालीसा जो पढ़हीं । स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा । केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥39॥

करहु मातु भक्तन रखवाली । जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी । भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥40॥

॥दोहा॥

प्रेम सहित जो करे, काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना, होय सकल जग ठाठ ॥

।। इति काली चालीसा समाप्त ।।

काली चालीसा के लाभ / Kali Chalisa Benefits in Hindi

  • काली चालीसा का पाठ करने से माता काली की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • कोई व्यक्ति जो बहुत समय से रोग-शोक तथा भय से ग्रसित हो तो महाकाली चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
  • इसका पाठ करने से बहुत समय से हो रहे पारिवारिक तनाव का शीघ्र अंत हो जाता है।
  • माना जाता है कि काली चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से घर या जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति असर नहीं करती।
  • अगर आप इस दिव्य चालीसा का नियमित रूप से पाठ करते हैं तो काली माँ आपकी हर प्रकार से रक्षा करती हैं।
  • अगर आपके जीवन में रोजगार संबंधी कोई समस्या है तो इस चालीसा के पाठ से शीघ्र लाभ मिलेगा।

काली चालीसा पढ़ने के नियम / Rules of Reading Kali Chalisa

  • माँ काली को प्रसन्न करने के लिए माता काली की पूजा में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि गलती होने से माँ काली रुष्ट हो जाती है। इसीलिए पूजा करते समय तथा काली चालीसा का पाठ करते समय किसी भी प्रकार की गलती नहीं करनी चाहिए।
  • माँ काली की पूजा तरह से की जाती है- एक तंत्र पूजा और दूसरी सामान्य पूजा।
  • सामान्य पूजा को आप स्वयं कर सकते हैं लेकिन तंत्र पूजा को गुरु की आज्ञा से और उनके संरक्षण में ही करना चाहिए।
  • महाकाली की पूजा करने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ माना गया है।
  • शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर लाल या गुलाबी वस्त्र धरण करें।
  • इसके बाद घर में माता काली की तस्वीर इत्यादि के सामने या माँ काली के मंदिर में जाकर धूप-दीप जलाएँ एवं पुष्प अर्पित करें।
  • पूजा के समय माँ काली को लाल या काली वस्तुएँ अर्पित करें।
  • तत्पश्चात पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से श्री काली चालीसा का पाठ करें।
  • अंत में अपने तथा परिवार की समस्याओं के निवारण हेतु एवं सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।

नीचे दिये गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आप श्री काली चालीसा PDF को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।


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