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श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa PDF in Hindi

श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa Hindi PDF Download

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श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa PDF Details
श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa
PDF Name श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa PDF
No. of Pages 8
PDF Size 0.68 MB
Language Hindi
CategoryEnglish
Source pdffile.co.in
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श्री लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi Chalisa Hindi

नमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री लक्ष्मी चालीसा PDF / Lakshmi Chalisa PDF in Hindi आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। श्री लक्ष्मी माता को हिन्दू धर्म में प्र्मुखता से पूजा जाता है। यदि आप अपने जीवन में आर्थिक रूप से बहुत अधिक परेशान हैं तथा आपको धन संबन्धित समस्याएँ हमेशा आती रहती हैं, तो आपको माता लक्ष्मी की शरण में अवश्य जाना चाहिए।

श्री लक्ष्मी चालीसा अत्यंत सरल एवं सुंदर है इसका पाठ आसानी से किया जा सकता है । वैसे तो आपको श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ नित – प्रतिदिन नियमित रूप से अवश्य करना चाहिए किन्तु यदि आप ऐसा करने में असमर्थ हैं तो आपको प्रति गुरुवार एवं शुक्रवार के दिन विधि – विधान से श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसका पाठ करने मात्र से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समस्याओं का अंत हो जाता है।

लक्ष्मी जी की चालीसा के अतिरिक्त लक्ष्मी माता का व्रत भी बहुत फलदायी होता है और लक्ष्मी माता की आरती का गायन करने से भी बहुत लाभ मिलता है। इसी तरह महालक्ष्मी कवच भी हमे सब प्रकार के संकटों से मुक्त कर के हमारी रक्षा करते हैं।

श्री लक्ष्मी चालीसा लिरिक्स / Shri Lakhsmi Chalisa Lyrics in Hindi PDF

॥ दोहा ॥

मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास।

मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥

॥ सोरठा ॥

यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं।

सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका।

॥ चौपाई ॥

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी।सब विधि पुरवहु आस हमारी॥

जय जय जगत जननि जगदम्बा।सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥

तुम ही हो सब घट घट वासी।विनती यही हमारी खासी॥

जगजननी जय सिन्धु कुमारी।दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी।कृपा करौ जग जननि भवानी॥

केहि विधि स्तुति करौं तिहारी।सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी।जगजननी विनती सुन मोरी॥

ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता।संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो।चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥

चौदह रत्न में तुम सुखरासी।सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा।रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥

स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा।लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं।सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

अपनाया तोहि अन्तर्यामी।विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी।कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥

मन क्रम वचन करै सेवकाई।मन इच्छित वाञ्छित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई।पूजहिं विविध भांति मनलाई॥

और हाल मैं कहौं बुझाई।जो यह पाठ करै मन लाई॥

ताको कोई कष्ट नोई।मन इच्छित पावै फल सोई॥

त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि।त्रिविध ताप भव बन्धन हारिणी॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै।ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

ताकौ कोई न रोग सतावै।पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु सम्पति हीना।अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥

विप्र बोलाय कै पाठ करावै।शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा।ता पर कृपा करैं गौरीसा॥

सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै।कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा।तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥

प्रतिदिन पाठ करै मन माही।उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई।लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

करि विश्वास करै व्रत नेमा।होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी।सब में व्यापित हो गुण खानी॥

तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं।तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै।संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

भूल चूक करि क्षमा हमारी।दर्शन दजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी।तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥

नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में।सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण।कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई।ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई॥

॥ दोहा ॥

त्राहि त्राहि दुःख हारिणी,हरो वेगि सब त्रास।

जयति जयति जय लक्ष्मी,करो शत्रु को नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित,विनय करत कर जोर।

मातु लक्ष्मी दास पर,करहु दया की कोर॥

लक्ष्मी चालीसा पाठ के लाभ / Lakshmi (Laxmi) Chalisa Benefits in Hindi

  • लक्ष्मी चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने पर आपकी धन से जुड़ी समस्या का शीघ्र ही निवारण हो जाता है।
  • इसके पाठ से माँ लक्ष्मी की कृपा शीघ्र ही प्राप्त हो जाती है।
  • प्रतिदिन इसका पाठ करने से आजीविका सम्बन्धी समस्या दूर होती है।
  • लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से आपके घर में सुख, संपत्ति एवं समृद्धि का आगमन होता है।
  • लक्ष्मी चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से गृह कलेश आदि नहीं होते है।

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