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श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022 PDF in Hindi

श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022 Hindi PDF Download

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श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022 PDF Details
श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022
PDF Name श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022 PDF
No. of Pages 11
PDF Size 0.44 MB
Language Hindi
CategoryEnglish
Source pdffile.co.in
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श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa 2022 Hindi

नमस्कार पाठको आज हम आपको इस लेख के माध्यम से श्री शनि चालीसा PDF / Shani Chalisa PDF in Hindi के बता रहे है | की शनि चलिशा का हमारे जीवन में किया महत्व है | शनि चालीसा को हर व्यक्ति कर सकता है | ये चालीसा एक ईश्वर के नाम से जुडी है जो भक्त को भगवान से जोड़े रखती है | जैसे की शनि देव को शनिवार के दिन से जानते है | हमारे हिन्दू धर्म में ईश्वर को सदियों से जोड़ रखा है | ऐसा मन जाता की जो लोग भगवान शनि की चलिशा का गान करते है | उनको जीवन आये समस्याओ से मुक्ति प्राप्त होती है | तथा वह शनि देव की पूजा पाठ करने से लोगो का उद्धार होता है |

भारत में अधिकलोग शनि देव को शनिवार के दिन उनके मंदिर में जाकर सरसो के तेल का दीपक जलाते है |और उनको तेल से स्नान करते है |जिससे उनके जीवन में आये कष्टों का निवारण हो सके | तथा ऐसा कई व्यक्तिओ के साथ हुआ भी है जिसने भगवान शनि को सच्चे मन से याद किया है | अथवा भगवान शनि ने उनका कल्याण भी किया है | कहा जाता है की भगवान शनि की चालीसा करने से गृह में आये कलह दूर होते है | शनिदेव की पूजा को आप किसी भी मंदिर या या पीपल के वृक्ष के निचे सरसो के तेल का दीपक जला कर कर सकते है |

श्री शनि चालीसा PDF / Shani Chalisa PDF in Hindi

॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥1॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥पिंगल, कृष्ो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥2॥

पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥3॥

रावण की गतिमति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवाय तोरी॥4॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजीमीन कूद गई पानी॥5॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई॥तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी॥कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥6॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥शेष देवलखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥वाहन प्रभु के सात सजाना। जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥7॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥8॥

तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥9॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥10॥

॥दोहा॥

पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

शनि चालीसा के लाभ PDF / Shani Chalisa Benefits

शनि देव की महिमा जिस पर भी हो जाती है वो गरीब से अमिर बन जाते हैं कमजोर से ताकतवर बन जाते हैं। शनि भगवान की चालीसा पढ़ने मात्र से ही लोगों के जीवन में बदलाव आने लगते हैं लोग अपने जीवन में खुशियाँ बटोरने लगते हैं उन्हें किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती है। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। सूर्यपुत्र शनिदेव के बारे में लोगों के बीच कई मिथ्या हैं। लेकिन मान्यता है कि भगवान शनिदेव जातकों के केवल उसके अच्छे और बुरे कर्मों का ही फल देते हैं। भगवान सूर्य जी के पुत्र शनिदेव जी महाराज जिनकी पूजा अर्चना मात्र से ही लोगों के दुःख दूर हो जाते है। शनि चालीसा का पाठ करने से ही लोगों के सारे कष्ट का निवारण हो जाता है।

शनि चालीसा का पाठ PDF कैसे करना चाहिए?

अधिकतर लोगों के मन में आता है कि शनिदेव की असीम कृपा पाने के लिए पाठ कैसे करे या फिर शनि चालीसा का उच्चारण किस तरह किया जाना चाहिए?

भक्तों चिंता कि कोई जरूरत नही है वैसे तो शनि महाराज अपने नाम के उच्चारण से ही बहुत खुश हो जाते है। यदि आप तब भी शनि महाराज जी कि चालीसा को सही से उच्चारित करना चाहते है तो बेफिक्र रहिये।

सुबह सुबह जब आप सोकर उठते है तब सबसे पहले आपको अपनी दिनचर्या में सबसे पहले शौचालय जाना है वहां से आने के बाद आपको ब्रश करना है, नहाना है और फिर सूर्य महाराज को जल चढ़ाना है।

जल चढ़ाने के बाद आपको शनि चालीसा पढ़ने के लिए जमीन पर एक आसन बिछाना है और शनि महाराज की फोटो रखनी है।

यदि आपके पास शनि महाराज की फोटो नही है तो भी चलेगा, आपको अपने सर पर एक कपड़ा रखना है और श्री शनि चालीसा पाठ शुरू करना है, कोशिश करना जब भी आप शनि चालीसा पढ़े तो आपके आस पास शनि का माहौल हो और आपका फ़ोन आपसे काफी दूर हो।

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