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सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi

सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi Hindi PDF Download

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सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi PDF Details
सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi
PDF Name सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi PDF
No. of Pages 5
PDF Size 0.47 MB
Language Hindi
CategoryEnglish
Source pdffile.co.in
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Tags: If सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi is a illigal, abusive or copyright material Report a Violation. We will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha & Pooja Vidhi Hindi

नमस्कार मित्रों, आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए सोम प्रदोष व्रत कथा / Som Pradosh Vrat Katha PDF in Hindi प्रदान करने जा रहे हैं। सनातन हिन्दू धर्म में सोम प्रदोष व्रत का बहुत ही महत्व माना जाता है। यह भगवान शिव जी को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से भगवान भोलेनाथ की असीम अनुकम्पा प्राप्त होती है। भोलेनाथ भगवान शिव का ही एक नाम है।

हिन्दू धर्म में कई प्रदोष व्रतों का पालन किया जाता है। सभी प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होते हैं। इसीलिए प्रदोष व्रत में भगवान शिव का पूजन बड़े ही विधि-विधान से किया जाता है। प्रदोष का व्रत अगर सोमवार के दिन आए उसे ‘सोम प्रदोष’ कहा जाता है, मंगलवार को आए तो ‘भौम प्रदोष’ एवं शनिवार को आए तो उसे ‘शनि प्रदोष’ कहा जाता है।

प्रदोष का व्रत करने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों का शीघ्र ही अंत हो जाता है। इसी प्रकार सोम प्रदोष के व्रत की भी विशेष महिमा का वर्णन हिन्दू धर्म में आता है। तो भक्तों अगर आप भी सोम प्रदोष का व्रत करके भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा अपने जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं, तो सोम प्रदोष के व्रत का पालन भक्ति-भाव से अवश्य करें।

सोम प्रदोष व्रत कथा PDF / Som Pradosh Vrat Katha in Hindi PDF

  • पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई सहारा नहीं था इसलिए वह सुबह होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। वह खुद का और अपने पुत्र का पेट पालती थी।
  • एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही थी तो उसे एक लड़का घायल अवस्था में कराहता हुआ मिला। ब्राह्मणी दयावश उसे अपने घर ले आई। वह लड़का विदर्भ का राजकुमार था।
  • शत्रु सैनिकों ने उसके राज्य पर आक्रमण कर उसके पिता को बंदी बना लिया था और राज्य पर नियंत्रण कर लिया था इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था। राजकुमार ब्राह्मण-पुत्र के साथ ब्राह्मणी के घर रहने लगा।
  • एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई। अगले दिन अंशुमति अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लाई। उन्हें भी राजकुमार पसंद आ गया।
  • कुछ दिनों बाद अंशुमति के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति का विवाह कर दिया जाए। वैसा ही किया गया।
  • ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करने के साथ ही भगवान शंकर की पूजा-पाठ किया करती थी। प्रदोष व्रत के प्रभाव और गंधर्वराज की सेना की सहायता से राजकुमार ने विदर्भ से शत्रुओं को खदेड़ दिया और पिता के साथ फिर से सुखपूर्वक रहने लगा।
  • राजकुमार ने ब्राह्मण-पुत्र को अपना प्रधानमंत्री बनाया। मान्यता है कि जैसे ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के प्रभाव से दिन बदले, वैसे ही भगवान शंकर अपने भक्तों के दिन फेरते हैं।

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि / Som Pradosh Vrat Pooja Vidhi

  • प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों को सर्वप्रथम सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए।
  • तत्पश्चात स्नानादी करके स्वच्छ हो जाना चाहिए।
  • इसके बाद घर के ही पूजा घर में साफ-सफाई कर पूजाघर समेत पूरे घर को गंगाजल से पवित्र कर लेना चाहिए।
  • तटपश्चात पूजा घर को गाय के गोबर से भलीभाँति लीपना चाहिए।
  • इसके बाद रेशमी कपड़े से सुंदर-सा मंडप बनाना चाहिए।
  • अब आटे और हल्दी की मदद से वहीं स्वस्तिक बनाना लें।
  • तदोपरांत पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव जी की पूजा-आराधना करनी चाहिए।
  • इसके बाद व्रती को आसन पर बैठकर सभी देवों को प्रणाम करने के बाद भगवान शिव के मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का श्रद्धापूर्वक जाप करना चाहिए।
  • अंत में भगवान भोलेनाथ से अपने एवं अपने परिवार की सुख-शांति के लिए कामना करनी चाहिए।

नीचे दिये गए लिंक के माध्यम से आप सोम प्रदोष व्रत की कथा और विधि / Som Pradosh Vrat Katha PDF को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। 


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